छोटी लाइन की छुक-छुक गाड़ी बचपन में एक्का पर जाते हुए ननिहाल मन ही मन दुहराते थे की अब आया मामा का गाँव रास्ते में दिखती थीं छोटी लाइन की पटरियां बताती थीं माँ-‘तेरे मामा इसी छुक-छुक गाडी में आते थे पटना से’ memory of childhood