ग़ालिब ग़रीबी से तंग आकर डाकू बन गए और डकैती करने एक बैंक गए बैंक में घुसते ही हवाई फ़ायर करते हुए " अर्ज़ किया "तक़दीर में जो है वही मिलेगा, हैंड्स-अप कोई अपनी जगह से नहीं हिलेगा...! ग़ालिब ने फिर ऊँची आवाज़ में अर्ज़ किया - "बहुत कोशिश करता हूँ उसकी यादों को भुलाने की, ध्यान रहे कोई कोशिश न करना पुलिस बुलाने की..." फिर कैशियर की कनपटी पे बंदूक रखते हुए कहा "ए ख़ुदा तू कुछ ख़्वाब मेरी आँखों से निकाल दे, जो कुछ भी है, जल्दी से इस बैग में डाल दे..." कैश लेने के बाद ग़ालिब ने लाॅकर की तरफ़ इशारा करके कैशियर से कहा - "जज़्बातों को ना समझने वाला इश्क़ क्या सम्हालेगा लाॅकर का पैसा क्या तेरा अब्बू बाहर निकालेगा .. जाते जाते एक और हवाई फ़ायर करते हुए अर्ज़ किया - भुला दे मुझको क्या जाता है तेरा, मार दूँगा गोली जो किसी ने पीछा किया मेरा... #LaughterDay