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❊अमूल्य निधि ❊ ───────── होती हो...जब तुम, अँधेरी

❊अमूल्य निधि ❊ 
─────────
होती हो...जब तुम,
अँधेरी निशा में,
प्रकाशित कोई दीप की आशा,
एक तुलसी सी पावन तेरी परिभाषा,
मेरी जीवन की तुझमें बची है"अमूल्य निधि "
इस अबोध बालक के फटे थैले में
तुम सदा मुस्कुराती रहना,
मेले-मैले छवि को चमकाती रहना
यहीं मेरी 'अंतिम अभिलाषा"

 
[ प्रादुर्भाव हुआ है तुझसे *अनुशीर्षक में *] तुमनें जब लिखा था,
तब पहाड़ों से टकराने की
बिन मिले वापस विरह मुड़ जाने की
बात कहीं थी,,, शायद तुम सही थी
उस समय और अभी भी
मैं एक पत्थर ही तो हूँ..
फिर भी कोशिश कर रहा हूँ
कुछ बिखरे भावों को सजाने की....
❊अमूल्य निधि ❊ 
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होती हो...जब तुम,
अँधेरी निशा में,
प्रकाशित कोई दीप की आशा,
एक तुलसी सी पावन तेरी परिभाषा,
मेरी जीवन की तुझमें बची है"अमूल्य निधि "
इस अबोध बालक के फटे थैले में
तुम सदा मुस्कुराती रहना,
मेले-मैले छवि को चमकाती रहना
यहीं मेरी 'अंतिम अभिलाषा"

 
[ प्रादुर्भाव हुआ है तुझसे *अनुशीर्षक में *] तुमनें जब लिखा था,
तब पहाड़ों से टकराने की
बिन मिले वापस विरह मुड़ जाने की
बात कहीं थी,,, शायद तुम सही थी
उस समय और अभी भी
मैं एक पत्थर ही तो हूँ..
फिर भी कोशिश कर रहा हूँ
कुछ बिखरे भावों को सजाने की....