बचपन और लड़ाई बचंपन मैं और मेरे बड़े भैया एक ही स्कूल में पढ़ते थे।। जब मैं छठवीं कक्षा का विद्यार्थी था तब भैया आठवीं कक्षा में थे।। एक रोज मुझे मेरी ही कक्षा के एक सहपाठी ने मार दिया मैं रोता हुआ अपने भाई के पास आया कि मेरे हिस्से का बदला मेरा भाई लेगा।। भाई ने मुझे रोता देखा तो उसे बहुत गुस्सा आया स्कूल की छुट्टी होने पर मेरे भाई ने उस लड़के की ओर इशारा कर कहा जा मार उसे पर मैं हिम्मत न जुटा सका इस पर मुझे अपने बड़े भाई पर बहुत गुस्सा आने लगा दूसरे रोज स्कूल की छुट्टी होने पर मैं अकेला ही उस लड़के से भिड़ गया मेरा सहपाठी मुझसे बलिष्ठ था उसने मुझे पटक लिया तभी मेरा भाई दौड़ते हुए आया और उस लड़के की खूब हम दोनों ने पिटाई लगाई।। बचपन खत्म हो गया आज मेरा वो सहपाठी ओर हम दोनों अच्छे मित्र हैं।। कभी कभी सोचता हूँ तो बड़े भाई ने मुझे जिंदगी का पहला सबक सिखाया आपको आपके हिस्से की लड़ाई खुद ही लड़नी पड़ती है। जब आप अपनी लड़ाई लड़ते हैं तो आपके अपने कभी आपको हारने नहीं देते ।। महाभारत में अर्जुन को खुद अपनी लड़ाई लड़नी पड़ी थी पर युद्ध जिताया कृष्ण ने था।। अपनी लड़ाई खुद लड़ो कोई नेता आपके हिस्से की लड़ाई नहीं लड़ेगा पर इतना तय है आप लड़ोगे तो वो आपको हारने भी नही देगा।।