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#OpenPoetry ये बेसब्री, ये बेकरारी क्यों है, मुझे

#OpenPoetry ये बेसब्री, ये बेकरारी क्यों है,
मुझे देख जुल्फें संवारी क्यों है।

करीब से निकलती हो झुका के नजरें,
फिर मुड़ के देखने की बीमारी क्यों है।

रब से ज्यादा तुझे ना माना हो अगर,
मेरे कमरे में तस्वीर तुम्हारी क्यों है।

मैं छोड़ गया शहर तो कर लेती शादी,
मुहब्बत नहीं मुझसे तो कंवारी क्यों है।

मुझे मीठा है पसंद, याद है ना तुम्हें,
वरना पर्स में चाकलेट इतनी सारी क्यों है।

हाथ मिले, पर लकीरें ना मिल सकी,
इतनी बद- किस्मत हमारी क्यों है । #OpenPoetry #gazal #ग़जल
#शेर #Shayari #kavita #क्यों 
#Hindipoetry #Poetry #Love
#oldmemories #Calmkrishna
#Nojoto #Nojotohindi #Quotes
#OpenPoetry ये बेसब्री, ये बेकरारी क्यों है,
मुझे देख जुल्फें संवारी क्यों है।

करीब से निकलती हो झुका के नजरें,
फिर मुड़ के देखने की बीमारी क्यों है।

रब से ज्यादा तुझे ना माना हो अगर,
मेरे कमरे में तस्वीर तुम्हारी क्यों है।

मैं छोड़ गया शहर तो कर लेती शादी,
मुहब्बत नहीं मुझसे तो कंवारी क्यों है।

मुझे मीठा है पसंद, याद है ना तुम्हें,
वरना पर्स में चाकलेट इतनी सारी क्यों है।

हाथ मिले, पर लकीरें ना मिल सकी,
इतनी बद- किस्मत हमारी क्यों है । #OpenPoetry #gazal #ग़जल
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#oldmemories #Calmkrishna
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