कैसे खेलूं होली पिया बिन मोहे लाल गुलाल न सुहाये चुनरिया लिपटी जाये कैसे खेलूं होली पिया बिन तुझ बिन मोहे रंग न भाये अधर सूख पाती बन जाये आंखें बस तेरी राह तकी जाये अश्रुधार अविरल बहे जाये कैसे खेलूं होली पिया बिन तुझ बिन मोहे रंग न भाये हदय स्पंदन अब मद्धम होये हस्त कंपकंपा जाये राह तक अंखियां थक थक जाये कैसे खेलूं होली पिया बिन तुझ बिन मोहे रंग न भाये सूरज उजियारा न फैलाये चांदनिया डस डस जाये भभूत मल बस बैठूं मैं कैसे खेलूं होली पिया बिन तुझ बिन मोहे रंग न भाये -Anjali A होली #होली