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"कृष्ण" तेरी सांवली सूरत मोहनी मूरत हमको बहुत





"कृष्ण" तेरी सांवली सूरत मोहनी मूरत हमको बहुत लुभाती है
"मुरलीधर" मुरली तेरे अधरों पर सज कर तान मधुर सुनाती है।

"माधव" मेरे मोर मुकुट पीतांबर धारी तेरी छवि बहुत ही प्यारी है।
"कन्हैया" तुझ संग प्रीत करे जग सारा, तेरी प्रीत बहुत ही न्यारी है।

"गिरधारी" कोई कहे नटवर कोई कहे नागर कोई कहे मन बसिया है।
"केशव" तेरे चेहरे की मुस्कान पर मर मिटती सारी की सारी दुनिया है।

-"Ek Soch"







-"Ek Soch"




 नमस्कार मित्रों 🙏
(शुरू करो चौथा पड़ाव लेकर प्रभु का नाम) 

काव्य संग्रह प्रस्तुत करता है

"मेरी व्याकरण यात्रा" *चौथा पड़ाव*

इस पड़ाव के नियम इस प्रकार हैं👇




"कृष्ण" तेरी सांवली सूरत मोहनी मूरत हमको बहुत लुभाती है
"मुरलीधर" मुरली तेरे अधरों पर सज कर तान मधुर सुनाती है।

"माधव" मेरे मोर मुकुट पीतांबर धारी तेरी छवि बहुत ही प्यारी है।
"कन्हैया" तुझ संग प्रीत करे जग सारा, तेरी प्रीत बहुत ही न्यारी है।

"गिरधारी" कोई कहे नटवर कोई कहे नागर कोई कहे मन बसिया है।
"केशव" तेरे चेहरे की मुस्कान पर मर मिटती सारी की सारी दुनिया है।

-"Ek Soch"







-"Ek Soch"




 नमस्कार मित्रों 🙏
(शुरू करो चौथा पड़ाव लेकर प्रभु का नाम) 

काव्य संग्रह प्रस्तुत करता है

"मेरी व्याकरण यात्रा" *चौथा पड़ाव*

इस पड़ाव के नियम इस प्रकार हैं👇