क्या कुवत है सुनो फ़क़त मेरे नाम में| मैं रोज सूरज से आँख मिलाता हूँ शाम में|| रोज सैकड़ों सन्देश आता है| बहुत मशरूफ़ रहता हूँ आजकल काम में|| ए हुब्बाब तू ख्वाब देख शहंशाही का| नही लगता है एक पैसा भी इस काम में|| Kya Kuwat Hai Suno Faquat Mere Nam Me Mai Roj Suraj Se Ankh Milata Hun Sham Me Roj Saikron Sandesh Aata Hai Bahut Mashruf Rahta Hun Aajkl Kam Me Aye Hubbaba Tu Khawab Dekh Shahanshahi Ka Nhi Lagt Hai Ak Paisa Bhi Is Kam Me 😂😂😁😂😎 Adnan Rabbani's Shayari • क्या कुवत है सुनो फ़क़त मेरे नाम में| मैं रोज सूरज से आँख मिलाता हूँ शाम में|| रोज सैकड़ों सन्देश आता है| बहुत मशरूफ़ रहता हूँ आजकल काम में|| ए हुब्बाब तू ख्वाब देख शहंशाही का|