कभी अविराम सा लगता है, कभी तो विराम सा लगता है अनाथ बच्चों में एक बच्चा, जिसकी आंखे भूरी भूरी हैं अत्यंत प्यारी सी मुस्कान है, बड़ा अभिराम सा लगता है ह्रदय करता उसे अपने पास ,बुलाऊं,पर एक मजबूरी है वो मुझसे बात करेगा क्या अपने कर्तव्य पथ पर यूं चलकर आगे बढ़ेगा क्या मुझे श्याम सा लगता है सात आठ की उम्र में सत्रह किलों वजन उठाता क्या कभी अपने जीवन में हौंसलों की उडान भरेगा क्या उसका जीवन न जाने क्यूं अब लगता नीहार सा है कभी अविराम सा लगता है कभी तो विराम सा लगता है एक प्यारा बच्चा है वो बड़ा अभिराम सा लगता है ©Shilpa yadav #teatime #orphan#orphanlife #shilpayadav