White घाव जहाँ भी देखो, सहलाओ प्यार से । नारों से भरो नहीं भरो नहीं वादों से अंतराल भरो सदा गीतों-संवादों से हो जाएँगे पठार शर्तिया कछार से । भटके ना राहगीर कोई अँधियारे में दीये की तरह जलो घर के गलियारे में लड़ो आर-पार की लड़ाई अंधकार से । हाथ बनो, पैर बनो राह बनो जंगल में लहरों में नाव बनो सेतु बनो दलदल में प्यासों की प्यास हरो पानी की धार से । ©"SILENT" #Hindi pantiya#