एक वृतांत: महादेव-सती विरह ----–------------------------------ घनघोर हुई, चहुँओर हुई, अति शोर हुई तम की बदली, बदली से अचंभित शोर हुआ, बदली से दशा मन की बदली। यूँ क्रोध ने बंधन तोड़ दिए, भय से यूँ दशा यम की बदली, महादेव के क्रोध से कांप गया, आकाश हुआ बदली बदली। ✍️कपिल वीरसिंह 9259242665 ©Kapil Tomer एक वृतांत: महादेव-सती विरह