एक पगली ल़डकी Ek Pagli Ladki जब पोथे खाली होते है, जब हर्फ़ सवाली होते हैं, जब गज़लें रास नही आती, अफ़साने गाली होते हैं, जब बासी फीकी धूप समेटे दिन जल्दी ढल जाता है, जब सूरज का लश्कर छत से गलियों में देर से जाता है, जब जल्दी घर जाने की इच्छा मन ही मन घुट जाती है, जब कालेज से घर लाने वाली पहली बस छुट जाती है जब अपना हर मनचाहा काम कोई लाचारी लगता है, तब एक पगली लड़की के बिन जीना गद्दारी लगता है, और उस पगली लड़की के बिन मरना भी भारी लगता है। #kv Picture Courtesy : Vaishnavi Mishra . ©Daniel Mirja एक pagli ladki