#Pehlealfaaz मेरी पहली अल्फाज़ हो तुम, #कमबख़्त तुम-मानों या न मानो, बस इतना समझ लो कि तुम मेरे लिए सुबह की किरण-दोपहर की रौशनी-शाम की संध्या तो रात की चांदनी हो तुम, #कमबख़्त तुम बिन हैं अधूरें अल्फाज़ मेरे, मेरी पहली और आख़री अल्फ़ाज़ हो तुम..! #pehlealfaaz मेरी पहली अल्फाज़ हो तुम, तुम-मानों या न मानो, बस इतना समझ लो कि तुम मेरे लिए सुबह की किरण-दोपहर की रौशनी-शाम की संध्या, तो रात की चांदनी हो तुम,