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#Pehlealfaaz मेरी पहली अल्फाज़ हो तुम, #कमबख़्त तुम-

#Pehlealfaaz मेरी पहली अल्फाज़ हो तुम,
#कमबख़्त तुम-मानों या न
मानो,
बस इतना समझ लो कि तुम
मेरे लिए
सुबह की किरण-दोपहर की रौशनी-शाम की संध्या
तो रात की चांदनी हो तुम,
#कमबख़्त तुम बिन हैं अधूरें अल्फाज़
मेरे,
मेरी पहली और आख़री अल्फ़ाज़ हो तुम..! #pehlealfaaz
मेरी पहली अल्फाज़ हो तुम,
तुम-मानों या न मानो,
बस इतना समझ लो कि तुम
मेरे लिए
सुबह की किरण-दोपहर की रौशनी-शाम की संध्या,
तो रात की चांदनी हो तुम,
#Pehlealfaaz मेरी पहली अल्फाज़ हो तुम,
#कमबख़्त तुम-मानों या न
मानो,
बस इतना समझ लो कि तुम
मेरे लिए
सुबह की किरण-दोपहर की रौशनी-शाम की संध्या
तो रात की चांदनी हो तुम,
#कमबख़्त तुम बिन हैं अधूरें अल्फाज़
मेरे,
मेरी पहली और आख़री अल्फ़ाज़ हो तुम..! #pehlealfaaz
मेरी पहली अल्फाज़ हो तुम,
तुम-मानों या न मानो,
बस इतना समझ लो कि तुम
मेरे लिए
सुबह की किरण-दोपहर की रौशनी-शाम की संध्या,
तो रात की चांदनी हो तुम,