लड़ अपने डर से तु लड़ जपने डर से तू उठ खड़ा हो फिर से गिरेगा संभलेगा फिर दौड़ेगा पर्वत को चीरता हुआ नदी की भांति फिर बहेगा तेरी ही कोशिशे तुझे मंजिल दिलाएगा जो तू डरा जमाना तुझे और डराएगा तेरा मुक़द्दर तुझे मंजिल तक ले जाएगा जो तू बुलंद होकर अपनी तकदीर खुद लिख जाएगा #लड़ अपने डर से