अगर मैं खुशबू हूँ, तो स्पर्श कर लिया होगा तुमने, अगर मैं वह ख्वाब हूँ, तरसाया होगा तुम्हे, मैं तुम्हारी यादों को समाये वह विरह गीत हूँ, दीद का न करते इंतज़ार!हकीकत में मिलना होगा हमें।। //लेखन संगी// // ख़ुशबू बनकर // ख़ुशबू बन करके तुम इन हवाओं में बिखर जाया करो कभी-कभी इस दिल की राहों से भी गुज़र जाया करो यूँ तो तुम बसे हो दिल की धड़कनों में ऐ...हम-दम पर तरस गई दीद को आँखें कभी तो नज़र आ जाया करो #rztask351 #rzलेखकसमूह #yqrestzone