अब लब खामोश रहेंगे मेरे, कयोकि मेरे हर लफ्ज़ में तुमको, सिर्फ झूठ ही लगता है, कितना जता लूँ मैं प्यार तुम्हे, तुम्हारे लिए वो महज़ एक भ्रम ही रहा है, शिदत से मैं निभाती रही वफ़ा, मैंने कुछ न कहने का अब मैंने सोचा है, मेरी खामोशी अब तुमको खुद जवाब दे देगी, मेरे दिल में कितनी मोहब्बत है तुम्हारे लिए। नमस्कार लेखकों! ✨ अप्रैल का महीना कविता लेखन के लिए मशहूर है इसलिए इस महीने में हम आपको रोज़ एक विषय देंगे जिस पर आपको अपनी काव्य की संरचना करनी है। हमारा आज का #rznapowrimoh के साथ collab करें और अपने शब्दों द्वारा कविता अभिव्यक्ति कर मौका पाएं रेस्ट ज़ोन से एक ख़ास टेस्टीमोनियल पाने का! ❤️ समय सीमा : 11 अप्रैल, सुबह 9:30 बजे तक।