चमन से कौन चला है कश्तियाँ लेकर । कली कली सिसक रही है मेरी तन्हाई देखकर । ख्वाब देख रहें थे जो मेरे डूब जाने क वही निकले है मुझे ढूढने कश्तियाँ लेकर । [ Shakeel jaan ] 💔💔life is Mathematically 😞😞