रचना अनुशीर्षक में पढ़े I 👇👇👇👇👇👇👇 आधुनिक युग में नारी को, मिलने लगा है अब अधिकार, मध्यकाल में हुआ था जो, अब कम होने लगा वो अत्याचार। संविधान में नियम बनाकर, दिया उसे सुगठित आधार, परिपूर्ण केवल नियम नहीं, करना होगा उचित व्यवहार। अब नारी अपने भुज बल से, छूती ऊँचा व्योम अपार, उसकी शाश्वत अतुल शक्ति को, देख अचंभित है संसार।