मेरे बार बार पूछने पर भी वो चुप थी तोड़ के वो मेरा दिल किसी और के साथ खुश थी वैसे तो जताती थी हमेशा प्यार मुझसे हालाकि करती भी थी वो ऐतबार मुझपे फिर न जाने क्या उसके साथ मुश्किल थी मेरे बार बार पूछने पर भी वो चुप थी तोड़ के वो दिल मेरा किसी और के साथ खुश थी आज भी उसकी याद आती है तो दिल सहम सा जाता है उसको खोने का डर आज भी मुझे डरा जाता है आज तक पता न चला मुझे कि क्या मेरी चूक थी मेरे बार बार पूछने पर भी वो चुप थी तोड़ के दिल वो मेरा किसी और के साथ खुश थी|