चारदीवारी में कैद हो तुम , हमें कहां ख़्वाब दिखाते हो । सच कहूं तो फ़िज़ूल के जज़्बात दिखाते हो ।। बेरंग सी तुम्हारी जिंदगी , तुम उनमें रंग भरो ना । एक शायर को कहां स्याही के ढंग बताते हो ।। तुम धुरंधर , महारथी , गजब , जो हो वो सही । कोई खामोश है , तुम क्यों उसे कायर बताते हो ।। तुम्हारी कामयाबी सिर्फ तुम्हारे हिस्से है । तुम्हारे किस्से सिर्फ तुम्हारे किस्से हैं ।। फिर बता बता कर किसे अहसान जताते हो । चारदीवारी में तुम कैद हो , हमें कहां ख़्वाब दिखाते हो ।। #चारदीवारी #flavourofishq #mirakeworld #writersofindia #hindiwriter #writersworld