दिल का आलम क्या हम बताएं दूर से पूछते हो क्या कहें, क्या छिपाएं दर्द को यूँ ही ज़ाया होने नहीं देना चलो इस दफ़ा भी कुछ लिखें, कुछ मिटाएं ख़ुशियों से मिलने का सलीका अभी हमको नहीं आता कभी दस्तक दिल पे दो तुम हम दरवाज़ा नया बनाएं... ©trehan abhishek ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1043 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।