दिल से इक याद भुला दी गई है किसी ग़फ़लत की सज़ा दी गई है मैंने मंज़िल की दुआ माँगी थी मेरी रफ़्तार बढ़ा दी गई है ऐब दीवार के होंगे ज़ाहिर मेरी तस्वीर हटा दी गई है मैं ने इक दिल पे हुकूमत चाही मुझे तलवार थमा दी गई है अब मोहब्बत का सबब है वहशत वर्ना हसरत तो मिटा दी गई है इस लिए जम के यहाँ बैठा हूँ मुझ को मेरी ही जगह दी गई है ~नदीम भाभा #Famous #Shayar #Zindagi #NadeemBhabha #Love #Memory