पहले पिता की बाद में पति की जिम्मेदारी क्यों है, औरत खुद नहीं, तो उसकी पहचान इतनी बेचारी क्यों है? पर शायद अब नहीं नई सोच का बदलाव \\ अनुशीर्षक में पूरा पढ़े \\ आज अचानक ही कुछ ढूंढते हुई अपनी बेटी की जन्मपत्रिका मिली खोल कर देखने का मन किया प्रफुल्लित स्नेह भरे हृदय से देखा और पढ़ा नाम - श्री मलय अग्रवाल की सुपुत्री बहुत बहुत खुश मन से पढ़ती गई और गर्व प्रेम प्रसन्नता से भर उठी पर यह क्या पिता का नाम बाबा का नाम पूर्वजों का आशीश, और