अँधा प्यार गर नेक इंसान से हो तो होता हैं बहुत खास, तो कभी सताता हैं हर क्षण कभी करता हैं गुमराह, कभी कुएँ के समीप भी रह जाता हैं कोई प्यासा, कभी किसी को पाने की रहती हैं मृग तृष्णा, ये प्रेम का रुप क्यों आज तक कोई समझ नहीं पाया, हर प्रिय वस्तु से बढ़कर चाहना क्या यही हैं अंधे प्यार की परिभाषा, या किसी को पाने की जिद को कहे अंधा प्यार, किसी को उस तरह चाहना जिसमें उसकी अच्छाई ही देख पाते हो, बुरे विचारों और हर बुराई से फिर उसे कोसो दूर समझने लगे हो, कभी खतरनाक इतना कि निज कारण ले लेता है किसी की जान, उफ़ जब किसी से होता हैं एक तरफा प्यार, पल-पल तड़पते हैं फिर किसी की यादों के साथ, किसी की हर बात हर याद संजोये रखता हैं एक तरफा प्यार, गर फिर हो जाए बेपनाह प्यार तो फिर मत पूछो उस आशिक़ का हाल, वही अगर हो जाए मंजिल से प्यार तो बन जाती हैं पहचान। ©Priya Gour #AndhaPyar #Love #RealtionShip #2words #manjilvalapyar #nojotowriters #NojotoWriter #4Jan 6:26