रणछोड़ कृष्ण
गोकुल छोड़ा ,गोपी छोड़ी और नन्द यशोदा को छोड़ा
जिसके संग नेह लगाया था ,उस राधा का भी दिल तोडा
खारे सागर का तट भाया ,मीठी यमुना के छोड़ घाट
और बसा द्वारका राज किया ,छोड़ा मथुरा का राजपाट
रबड़ी छोड़ी ,खुरचन छोड़ी ,पेड़े छोड़े ,छोड़ा माखन
ढोकले ,फाफड़े मन भाये ,तज दिए भोग तुमने छप्पन #poem#merekanha