Nojoto: Largest Storytelling Platform

*बात ऐसी नही की कोई ग़म ही नही दर्द अपने पराए कुछ

*बात ऐसी नही की कोई ग़म ही नही
दर्द अपने पराए कुछ कम भी नहीं।
प्यार गैरों से मुझको इतना मिला 
ना है अपनो से बाकी कोई गिला।
हर चुनौती से दो हांथ मैने किए ।
आंधियों में जलाएं है बुझते दिये
हार नहीं मानूगा रार नहीं ठानूंगा ।
काल के कपाल पर लिखता मिटाता हूं।
गीत नया गाता हूं। गीत नया गाता हूं
मै जी भर जिया मै मन से मैरूं
लौट कर आऊंगा कूच से क्यों डरूं*।
 
Dr.Atal bihari bajpai ji @07atal bihari bajpai ji Kavita sangrah..
*बात ऐसी नही की कोई ग़म ही नही
दर्द अपने पराए कुछ कम भी नहीं।
प्यार गैरों से मुझको इतना मिला 
ना है अपनो से बाकी कोई गिला।
हर चुनौती से दो हांथ मैने किए ।
आंधियों में जलाएं है बुझते दिये
हार नहीं मानूगा रार नहीं ठानूंगा ।
काल के कपाल पर लिखता मिटाता हूं।
गीत नया गाता हूं। गीत नया गाता हूं
मै जी भर जिया मै मन से मैरूं
लौट कर आऊंगा कूच से क्यों डरूं*।
 
Dr.Atal bihari bajpai ji @07atal bihari bajpai ji Kavita sangrah..