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सुनो प्रिय तुम बिन अधूरा सा लगने लगा हूं खोजता रह

सुनो प्रिय
तुम बिन अधूरा सा लगने लगा हूं 
खोजता रहता हूं मैं खुद को
पर हर बार तुम बिन खुद को अकेला पाता हूं
तुम्हारी हल्की मुस्कान यादों का सहारा बन गई हैं।
तुम्हारी बोलती हुई तस्वरें 
 मेरे मन में छप सी गई हैं
और तन्हाइयो में मेरा हाल पूछा करती हैं।
कैसे हो तुम?
और हम भी तुम्हारी तस्वीर से कुछ नहीं छुपाते
बोल देता हूं तुम बिन मै अधूरा सा हूं।

©Dilip Sahani तुम बिन अधूरा सा हूं। Pinak Maheshrao Shenode Suman Gupta Mehul Max Jhinakprasad komal sindhe
सुनो प्रिय
तुम बिन अधूरा सा लगने लगा हूं 
खोजता रहता हूं मैं खुद को
पर हर बार तुम बिन खुद को अकेला पाता हूं
तुम्हारी हल्की मुस्कान यादों का सहारा बन गई हैं।
तुम्हारी बोलती हुई तस्वरें 
 मेरे मन में छप सी गई हैं
और तन्हाइयो में मेरा हाल पूछा करती हैं।
कैसे हो तुम?
और हम भी तुम्हारी तस्वीर से कुछ नहीं छुपाते
बोल देता हूं तुम बिन मै अधूरा सा हूं।

©Dilip Sahani तुम बिन अधूरा सा हूं। Pinak Maheshrao Shenode Suman Gupta Mehul Max Jhinakprasad komal sindhe
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Dilip Sahani

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