तुम चाहकर भी कभी अकेले नहीं होते, सच बताओ क्या ख़्वाब साथ नहीं सोते! जब भी चल देते हो अल्हड़ बनकर, क्या उम्मीदों के पंछी साथ नहीं होते! जब खोये होते हो कभी तन्हा अपने में ही, क्या यादों के मेले दिल में नहीं मचलते! जब कहते हो कोई नहीं जो तुमको समझ सके, क्या ख़ुद से मिलने के सपने नहीं पनपते! यूँ तो होते है सब मानुष खुद में निपट अकेले, मगर माने तो क्या कुछ साथ नहीं होते! #yqtanha #yqakela #yqkhvab #yqsona #yqdil #yqsaumitr