बहुत ही मुश्किल है धूर्त की धृष्टता का पार पाना गहरा भंवर रसातल ले जाएगा मुश्किल है बच पाना क्यों सौंप दूं मैं जीवन अपना किसी अनजान को ह्रदय में भय है पड़ ना जाए घोर पाखंडी से पाला बबली गुर्जर ©Babli Gurjar वंदना ....