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ये कविता नही मेरी एक सोच है माना.... तुम अपने घर

ये कविता नही मेरी एक सोच है

माना.... 
तुम अपने घर को छोड़कर
किसी और के घर मे आती हो

पर वो पराये लोग भी तो
तुम्हे अपनाते हैं ना.... 

बचपन मे जो माँ का आंचल
पकड़कर घूमता हैं

अब उसे घूघट मे छुपा
तुम्हारा चेहरा भाता है

माँ भी तो थमा देती हैं
अपने लाडले को तुम्हारे हाथो

जैसे तुम्हारे पापा तुम्हे सौप देते है
बिदाई के बाद

बचपन से उसका हर कार्य करती
और पूरा प्यार पाती

पर तुम्हारे आने से उसके बेटे पर
तुम्हारा भी उतना ही हक हो जाता

और उसके लाडले बेटे का प्यार भी
 दोनों के बीच बट जाता....

©........
  #happyMothersDay to both of mom and specially mother-in-law.... because mom gives life but mother-in-law gives you her life(her son).... 14-5-2023--12:15AM

#HappyMothersDay to both of mom and specially mother-in-law.... because mom gives life but mother-in-law gives you her life(her son).... 14-5-2023--12:15AM #Thoughts

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