दिल नहीं लगता मेरा, इस दिखावे के बाजार में, पास होके भी हम, कितने दूर हो गए, बढ़ते तकनीके संचार में, सांसे कहाँ मिलती है यहाँ, बस धुँआ-धुँआ सा है, कुआँ बची ना अब मेरे गाँव में, बस ये जिंदगी अब कुआँ-कुआँ सा है। #DearZindagi #DearJindagi