कही दूर था मैं यादों में खोया-खोया सा देखा जो तुझको लगा दिल को कुछ अपना-सा यौवन तेरा मानों चमक रहा था ना जाने क्यो मैं तेरी ओर खींच रहा था कोशिशें लाख की तुझसे बचने की पर हर बार तुझको ही देख रहा था यूँ जैसे कोई संगमरमर की मूर्त तेज तेरा चारों तरफ फैल रहा था पास जो आया तेरे तुझमें ही गुम मैं हो गया था चेहरे तेरा जब चाहा देखना हर बार मैं खुद से ही खुद को रोक रहा था जाने कैसी आभा बिखरी पड़ी थी जो नज़रो को मेरी कौंध रहा था ऐसा ही मैं रोज देखता जो सपनों में मेरे रहता जानें है वो किसका चेहरा जो मन-मंदिर मेरी बस गया था। #mydreamgirl (मेरे सपनो की रानी ) OPEN FOR COLLAB✨ #ATgirlbg577 • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ✨ 🌻 For a special task, check out our pinned post! 😁 Collab with your soulful words.✨