गुज़रा हूँ उन्न गलियों से, उस मंदिर के पीछे से, जहां किस्मत ने हमे कही तो मिलाया हैं। हार जाता हूँ तेरी राह तकते, पर फिर भी तू कही ना नज़र आया हैं। लौटा हूँ कई दफा तेरी उन्न सजाई महफ़िलो से, जिनको पाने के लिए तूने मुझे तक ठुकराया हैं।। क्या पाया उस पहचान से तूने?? जिसने तुझे पहचानने से भी इंकार फरमाया हैं।। देखो!! बोला था मैंने तेरे ज़वालो में सब छोड़ जाएंगे। पर फिर भी तूने क्यों हमेशा उनको ही गले लगाया हैं?? 🙅🙅 Mulahiza farmayiyegaa अब हमे क्या मालूम था? कौन सही है,कौन गलत। काश की आप जैसा कोई... पहले ही मिल गया होता। ना होते उन महफ़िलो में अकेले कभी, और ना ही आज खुदको कमरे में अकेले पाया होता।। Note: First para and last para... belongs to two different people. First one belongs to love and last one is for someone else...!! #poetryunplugged #openshayar #modernpoet #openpoetry #zawaal - #mushibat #pyaar #love #lost #shaayar #nojotohindi #kavi #kabir #bepanah #mehfil #naseeb #taqdeer #kavishala #nojoto #life #new #hindi #poet #phirmilenge #saathi #hamsafar #black #blackpoetry #deep #alone #safarnama #past