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तू ही बता गलती सिर्फ मेरी थी क्या..? दो चेहरे छिप

तू ही बता गलती सिर्फ मेरी थी क्या..? 
दो चेहरे छिपे थे तुझमें, और तू मुझे कह रही थी क्या.?? 
तू ही बता गलती सिर्फ मेरी थी क्या..? 

मेरे घर से जाती थी जो सड़क तेरे घर तक वो सिर्फ मेरे आने के लिए थी क्या..? 
तू ही बता गलती सिर्फ मेरी थी क्या..?? 

मैं जो मान जाया करती थी तेरी हर ज़िद 
वो जिद मेरे लिए सही थी क्या..? 
तू ही बता गलती सिर्फ मेरी थी क्या ..? 

मैं सामने और पीछे एक सा सोचती थी तेरे बारे में 
मुझे लेकर भी तू  एक ही सोच रखती थी क्या..? 
तू ही बता गलती सिर्फ मेरी थी क्या..? 

उस गुनाह में हिस्सेदारी तेरी नहीं थी क्या ..? 
तू ही बता गलती सिर्फ मेरी थी क्या..? 

मैंने कभी चाहा नहीं बुरा तेरा 
ऐसा ही तू मेरे लिए भी चाहती थी क्या..? 
तू ही बता गलती सिर्फ मेरी थी क्या..? 

दीमक के जैसे खत्म हो रही थी दोस्ती हमारी 
तुझे बचाने की ज़रूरत नहीं थी क्या..? 
तू ही बता गलती सिर्फ मेरी थी क्या..? 

मेरी तरह तेरी भी मैं इकलौती सहेली थी क्या..? 
तू ही बता गलती सिर्फ मेरी थी क्या..? 

मैंने किया जो भरोसा तुझ पर 
तू उस विश्वास के काबिल भी थी क्या..? 
तू ही बता गलती सिर्फ मेरी थी क्या..?

©Magical words✨️💫 तू ही बता गलती सिर्फ मेरी थी क्या..? 
दो चेहरे छिपे थे तुझमें, और तू मुझे कह रही थी क्या.?? 
तू ही बता गलती सिर्फ मेरी थी क्या..? 

मेरे घर से जाती थी जो सड़क तेरे घर तक वो सिर्फ मेरे आने के लिए थी क्या..? 
तू ही बता गलती सिर्फ मेरी थी क्या..?? 

मैं जो मान जाया करती थी तेरी हर ज़िद
तू ही बता गलती सिर्फ मेरी थी क्या..? 
दो चेहरे छिपे थे तुझमें, और तू मुझे कह रही थी क्या.?? 
तू ही बता गलती सिर्फ मेरी थी क्या..? 

मेरे घर से जाती थी जो सड़क तेरे घर तक वो सिर्फ मेरे आने के लिए थी क्या..? 
तू ही बता गलती सिर्फ मेरी थी क्या..?? 

मैं जो मान जाया करती थी तेरी हर ज़िद 
वो जिद मेरे लिए सही थी क्या..? 
तू ही बता गलती सिर्फ मेरी थी क्या ..? 

मैं सामने और पीछे एक सा सोचती थी तेरे बारे में 
मुझे लेकर भी तू  एक ही सोच रखती थी क्या..? 
तू ही बता गलती सिर्फ मेरी थी क्या..? 

उस गुनाह में हिस्सेदारी तेरी नहीं थी क्या ..? 
तू ही बता गलती सिर्फ मेरी थी क्या..? 

मैंने कभी चाहा नहीं बुरा तेरा 
ऐसा ही तू मेरे लिए भी चाहती थी क्या..? 
तू ही बता गलती सिर्फ मेरी थी क्या..? 

दीमक के जैसे खत्म हो रही थी दोस्ती हमारी 
तुझे बचाने की ज़रूरत नहीं थी क्या..? 
तू ही बता गलती सिर्फ मेरी थी क्या..? 

मेरी तरह तेरी भी मैं इकलौती सहेली थी क्या..? 
तू ही बता गलती सिर्फ मेरी थी क्या..? 

मैंने किया जो भरोसा तुझ पर 
तू उस विश्वास के काबिल भी थी क्या..? 
तू ही बता गलती सिर्फ मेरी थी क्या..?

©Magical words✨️💫 तू ही बता गलती सिर्फ मेरी थी क्या..? 
दो चेहरे छिपे थे तुझमें, और तू मुझे कह रही थी क्या.?? 
तू ही बता गलती सिर्फ मेरी थी क्या..? 

मेरे घर से जाती थी जो सड़क तेरे घर तक वो सिर्फ मेरे आने के लिए थी क्या..? 
तू ही बता गलती सिर्फ मेरी थी क्या..?? 

मैं जो मान जाया करती थी तेरी हर ज़िद