Nojoto: Largest Storytelling Platform

By not minding his business doing business आजकल मन

By not minding his business
doing business
आजकल मन अपने खिलाफ हो चला है
जो मन कहता है वो मन नहीं करता है।

मन खिन्न है पहले से भिन्न है,
उच्छलता तो है पर पुलकित नहीं होता है।

मन आजकल बावरा सा हो गया है,
खुश भी नहीं है, सन्ताप भी नहीं करता है By not minding his business
doing business
By not minding his business
doing business
आजकल मन अपने खिलाफ हो चला है
जो मन कहता है वो मन नहीं करता है।

मन खिन्न है पहले से भिन्न है,
उच्छलता तो है पर पुलकित नहीं होता है।

मन आजकल बावरा सा हो गया है,
खुश भी नहीं है, सन्ताप भी नहीं करता है By not minding his business
doing business