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कोई शब्द नहीं आज मेरे पास, दिल के ज्जबात कैसे समझा

कोई शब्द नहीं आज मेरे पास,
दिल के ज्जबात कैसे समझाऊं,
सब अपने दूर हो रहे हैं,
समझ नी आता  किस किस को मनाऊं,
आज एक कंधा चाहिए जिसपे सर रख रो सकूं,
फिर सुकून मिले ओर हमेशा के लिए सो जाऊं।
                                          S Kay Nain

©S Kay Nain sad shayri by S Kay Nain #skaynain
कोई शब्द नहीं आज मेरे पास,
दिल के ज्जबात कैसे समझाऊं,
सब अपने दूर हो रहे हैं,
समझ नी आता  किस किस को मनाऊं,
आज एक कंधा चाहिए जिसपे सर रख रो सकूं,
फिर सुकून मिले ओर हमेशा के लिए सो जाऊं।
                                          S Kay Nain

©S Kay Nain sad shayri by S Kay Nain #skaynain
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