ना सुनो किसी की आह ना सुनो किसी की वाह चलते रहो तन्हा ना रखो किसी के संग की चाह ना सुनो किसी की आह प्यार है फालतू की चीज़ हाथ बचाओ ओर निकलो अपनी राह हो जिसमें ज्यादा अहं वो डूबेगा एक दिन तय ह तुम तो डूबोगे सनम हमे भी ले डूबोगे जान बचाओ ओर निकलो अपनी राह ना सुनो किसी की आह ना सुनो किसी की वाह ओर सब रखो , ना रखो किसी से नेह नही तो आंखों से बरसते रहेंगे मेह ना सुनो किसी की आह # स्नेह ( तुम्हारे लिये )