दुश्मनों से कहाँ डर मुझे है इल्म इंसान का गर मुझे है क्यूँ जरूरत तुझे हो हमारी चाह तेरी सनम पर मुझे है दर्द कैसे तुझे दूँ भला मैं है तुझे गम असर कर मुझे है क्या हुनर वो करे बेवफाई बेखबर सब खबर पर मुझे है इल्तजा ये करूँ आखिरी अब बेवफा कर न दर दर मुझे है sapna manglik #shayri#brokenheart#sapnawritesup