"हाय जहालत" अभी तो कल ही कटे थे तुम हम, है कबर की माटी अभी तलक नम, चिताओं की आग हुई ना ठंडी, फिर आज फितने, फिर से वही गम, खूरेंजी की आज फिर से वकालत, हाय ज़हालत, फिर मज़हबों का उतरना सड़क पर, तदबीरों का फिर से उठना कड़क कर, फिर खूं उछलना , कलेजों का कटना, थम जाना दिल का फिर ज़ोरों धड़क कर, मिट्टी में मिल गयी सारी शराफत, हाय ज़हालत, मासूमों को दहशतों से सजाना, दिन रात मर्सिया मातम बजाना, कई घर जलाये और फिर भी ना माने, उस दिल की जलन को खूं से बुझाना, फिर खुद को खुदा समझने की हिमाकत, हाय जहालत, है अब भी उम्मीद एक जो हम खुदको रोकें, कुदरत नहीं देती मौके पे मौके, अमन ,प्रेम, निष्ठा, त्याग और समर्पण, को दिल से जियें हम इंसान होके, ये होगी उसकी सच्ची इबादत, तो अब ना ज़हालत, अब ना जहालत, #NojotoQuote हाय ज़हालत (Dammn! Ignorance) #barbarous#ignorance#illiteracy#powergame#showcase#bloodshed#thirst#NojotoPune