हाल-ए-दिल कहने से घबराऊँ मैं, दिल पे लगी चोट को कैसे गुनगुनाऊँ मैं? ज़ख़्म एक नहीं लाखों हैं ज़नाब, कहाँ से शुरू करू और कहाँ तक सुनाऊ मैं? #pain #frauds #shatyagashi