ज़रुरत है मुझे एक बन्द अकेले कमरे की, उस बन्द अकेले कमरे में खुद को बन्द कर के, ज़रुरत है मुझे उस एक कोने की, जिस एक कोने में मुझे खुद को,,,सिमटकर बैठना है, खुद से ही मुझे खुद को, कस कर के पकड़ना है, मुझे रोना है यार,,, ज़ी भर कर रोना है, मैं रोना चाहती हूं, मैं खुद को खुद से चुप करा लुंगी, क्युकिं कोई नहीं है मेरे पास, जिसके गले लगकर मैं रो सकू, मुझे बहुत ज़ोर से रोना है, मैं बहुत मुश्किल से चुप हूं, और भीड़ में मुझे रोना सिखाया नहीं है किसी ने। —The Lost Beats #amrit #NotJustWord#amrit