#DearZindagi ए ज़िन्दगी!! तुझसे मलाल कैसा? अपनी हैं तू,तुझसे हिसाब कैसा।। माना तु चंद लकीरों पे चलती हैं, माना तु इम्तेहान भी बहुत देती हैं। पर दगा करे तू इन लकीरों से, कहा तू इन इंसान जैसा? ए ज़िन्दगी!! तुझसे मलाल कैसा? माना कई दफ़ा गिराया तूने, पर वापस भी उठना सिखाया तूने। ए ज़िन्दगी, तू बहुत ही खास हैं। फिर जाने क्यों ? ये मुज़्तर लोग तुझसे ही नाराज़ हैं। Mulahiza farmayiyega... लोगों ने तो खामखा इश्क़ को बदनाम कर रखा हैं, सीखना हो कभी जो वाफाये इश्क़ की, जनाब!! "zindagi" से सीखियेगा। कुछ भी हो जाये पर लकीरों का साथ नहीं छोड़ती।। #DearZindagi #Dear_zindagi #love #poetry #zeher_shayari #modern_poet #life #happiness