माँ न सिर्फ एक शब्द, एक यह अनुवाद है, न लिख के बता सकू, ऐसा ये एहसास है, मैं जब भी दर्द में, आह की सिसकी भरता हूँ, माँ(मैं आ) में हूँ का रट्टा ही तो रटता हूँ, और मीलों दूर मेरी माँ को सब महसूस हो जाता है, और उनकी एक दुआ से जीवन महफूज़ हो जाता है। माँ जन्म तूने मझे, बड़ा दर्द सह दिया है, खुशी के लिए मेरी, तूने हर दु:ख का आंसू पिया है, बचपन से ही मैं, बहुत शरारत करता था, तेरे हाथ से दो निवाले खाकर ही, मेरा पेट भरता था, गीले पे खुद सोकर, तूने मझे सूखे पे सुलाया है, कुछ अच्छा कर्म किया होगा, तभी तो मैंने, तुझे माँ स्वरूप पाया है। माँ सूरज की सेक से पहले, तू उठा करती है, झाडू, पोछा, टिफ्फन, पानी की बोतल तक भरती है, पूरा दिन काम तू कर, फिर भी कभी नही थकती है, रात को 11बजे, मेरे आने तक तू जगती है, कैसे जाऊ मैं मंदिर, जब देवी तुझमें बस्ती है, तू है मेरे साथ जो माँ, तभी तो मेरी हस्ती है। माँ न मैं नंदलाल, न ही श्रवण कुमार हूँ, न ही राम नाम सा दीपक, न कोई राजकुमार हूँ, तू नही तो क्या है जग में, सब सूना और बेजान है, तुझसे ही है जीवन मेरा, तुझमें ही तो प्राण है, तेरी हर मुस्कान से माँ, मेरी तरक़्क़ी एक कदम चढ़ती है, हर सुबह तेरे पाओं छूकर ही, मेरी ज़िंदगी आगे बढ़ती है। My Love for Maa. My 100th post. My Happy Birthday Post. #100thPost #100 #Century ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ माँ न सिर्फ एक शब्द, एक यह अनुवाद है, न लिख के बता सकू, ऐसा ये एहसास है, मैं जब भी दर्द में, आह की सिसकी भरता हूँ,