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कभी कभी मैं बहुत अकेली हो जाती हूं भीड़ तो बहुत है

कभी कभी मैं बहुत अकेली हो जाती हूं
भीड़ तो बहुत है फिर भी ख़ामोश रह जाती हूं
अपनो के बीच परायी सी हो जाती हूं
एक अकेले कोने में बैठ कर बस आँशु बहाती हूं lija yadav G Bhim Shankar Angel Husain Rahamuddinidrisi1977@gmail.co
कभी कभी मैं बहुत अकेली हो जाती हूं
भीड़ तो बहुत है फिर भी ख़ामोश रह जाती हूं
अपनो के बीच परायी सी हो जाती हूं
एक अकेले कोने में बैठ कर बस आँशु बहाती हूं lija yadav G Bhim Shankar Angel Husain Rahamuddinidrisi1977@gmail.co
mahi4328508738565

Mahi..

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