बे-ज़बानी बदगुमां शमशीर के लायक नहीं ऐसे - वैसे तो किसी ज़ंजीर के लायक नहीं कोई कह दो जा के उनको लौट जाने राह से आरज़ी ओ नीम - जाँ तहरीर के लायक नहीं मत खींचों इन कैमरे से और मेरे बिदअती यार ये गुम आनना तस्वीर के लायक नहीं मुद्द’आ हो जब कभी इक आज़मा पे बस ग़लत तो समझ लो वो कहीं तदबीर के लायक नहीं पहले तो वो वोट माँगे भूख पे पर जीतते ज़र्द सत्ता कह रही तक़रीर के लायक नहीं जो ये कामिल ख्वाब पे तु ऐसे वैसे बन रहा सोच लो अंजाम ये तक़दीर के लायक नहीं ©Author kunal #love #sher #broken #kunu #kunal बाबा ब्राऊनबियर्ड