अरे धूप धूप क्यों कहते रहते हो कभी शरीर की आराम के लिए छतरी की छांव भी ले लिया कर| और कभी लगे हम पूरी तरह से टूट चुके हैं तो अपने दिल की तसल्ली के लिए एक गांव का चक्कर लगा लिया कर|| #alone hii good morning