हर जनम का खजाना एक पल मै ही मिल गया, तुम सामने से यु गुजरे और दिन खिल गया, कहते हैं मोह की कोई सीमा नही पर देखो मुझे चंद लम्हे मै सुकून मिल गया, हद के परे जिक्र मै मुलाकात हो जाती फिर ये काफिर सपने सा बित गया, नाम इसका नही कोई बस जुणुन चडा है, पता नहीं चलता ये फितूर कैसा है..! #NojotoPoem #AnjaanaFitoor