शीर्षक - दिन आज आखिरी है, खत्म होते साल में ------------------------------------------------------------------- दिन आज आखिरी है, खत्म होते साल में। होगा सफर अब नया शुरु, आते नये साल में।। दिन आज आखिरी है ------------------------।। लड़ चुके हैं हम बहुत, अब आपस में हम लड़े नहीं। तोहफा सभी को दे दोस्ती का, हम नये साल में। दिन आज आखिरी है-----------------------------।। धरती को स्वर्ग बनाने का, हम सभी संकल्प ले। साकार हो स्वप्न सभी के, आते नये साल में।। दिन आज आखिरी है---------------------------।। मतलबी होकर हमने, बेच दिया है प्यार- ईमान। धर्म का सूरज हो उदय,धरती पर नये साल में।। दिन आज आखिरी है ------------------------।। सन्तोष और सब्र दवा है, दिल के सभी दर्दों की। आवो अमन का दे सन्देश, वतन में नये साल में।। दिन आज आखिरी है ------------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #आते नये साल में