इंसान इंसान होता है .. फिर क्यूं यह जमाना इंसान को काला गोरा , छौटा मोटा, हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, ऊंच नीच जाति पांती की अमानवीय संज्ञा देकर पुकारने लगा है... लगता है ज़माने के दिमाग में गलतफ़हमियों का फोल्डर स्थाई रूप से सेव हो गया है ... लोगों ने मेरे दिमाग में भी यह फोल्डर किरीएट करने की कोशिश की मगर मैंने कभी मौका ही नहीं दिया...