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पल ही में सब के घमण्ड चूर हुए, अब नया साल फिर से ख

पल ही में सब के घमण्ड चूर हुए,
अब नया साल फिर से खड़ा हुआ।

नया साल अब खुशियों से भरा रहे,
यों न रहे अब बस सब ठहरा हुआ।

उम्मीदें कायम हैं,हमेशा कायम रहेंगी,
ज़िन्दगी का चलना बस अटका हुआ।

दुआओं में तो अब कोई कसर नहीं,
नई सुबह का सूरज अब लटका हुआ।


(कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें)
 एक गया तो दूजा ये शुरू हुआ, 
बस वक़्त था कुछ ठहरा हुआ।

ठहराव ये आखिर यों कब तक,
ज़र्रा ज़र्रा खुद में सिमटा हुआ।

रुकी ज़िन्दगी में चलने की चाह, 
सब कुछ मग़र बस सहमा हुआ।
पल ही में सब के घमण्ड चूर हुए,
अब नया साल फिर से खड़ा हुआ।

नया साल अब खुशियों से भरा रहे,
यों न रहे अब बस सब ठहरा हुआ।

उम्मीदें कायम हैं,हमेशा कायम रहेंगी,
ज़िन्दगी का चलना बस अटका हुआ।

दुआओं में तो अब कोई कसर नहीं,
नई सुबह का सूरज अब लटका हुआ।


(कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें)
 एक गया तो दूजा ये शुरू हुआ, 
बस वक़्त था कुछ ठहरा हुआ।

ठहराव ये आखिर यों कब तक,
ज़र्रा ज़र्रा खुद में सिमटा हुआ।

रुकी ज़िन्दगी में चलने की चाह, 
सब कुछ मग़र बस सहमा हुआ।
juhigrover8717

Juhi Grover

New Creator